यशस्वी जयसवाल का जीवन परिचय || गोलगप्पे बेचने से लेकर भारतीय टीम तक का सफर
यशस्वी जयसवाल का जीवन परिचय – यशस्वी जयसवाल, भारतीय टीम के लिए एक नया और उभरता हुआ सितारा। दोस्तों अगर आप क्रिकेट देखते हो या फिर क्रिकेट में थोड़ा सा भी इंटरेस्ट रखते हो तो आपने यशस्वी जयसवाल का नाम जरूर सुना होगा कि कैसे एक गोलगप्पे बेचने वाले लड़के ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर दुनिया की सबसे बड़ी टी-20 लीग यानी आईपीएल में अपनी बल्लेबाजी से सबका दिल जीत लिया और फिर भारतीय टीम में अपनी जगह भी बना ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यशस्वी जयसवाल का नाम तब सबके सामने आया जब उन्हें अंडर-19 विश्व कप टीम में चुना गया था। विश्व कप में भारतीय टीम तो नहीं जीत सकी लेकिन यशस्वी की शानदार बल्लेबाजी देख कर सब लोग समझ गए कि ये लड़का आगे चलकर जरूर कुछ बड़ा करेगा। दुनिया में बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो परेशानियों और कठिनाइयों का सामना करके अपनी मंजिल तक पहुँचने का हौंसला रखते हैं। यशस्वी जयसवाल भी उन्हीं में से एक हैं।
आज के इस ब्लॉग में हम बात करने वाले हैं यशस्वी जयसवाल के जीवन परिचय के बारे में। तो मेरा नाम है जीतू और बिना किसी देरी के चलिए शुरू करते हैं।
कहानी यशस्वी जयसवाल की (Yashasvi Jaiswal Biography)
यशस्वी जयसवाल का जन्म 28 दिसंबर 2001 को उत्तर प्रदेश के भदोही में एक छोटे से गांव में हुआ था। यशस्वी का पूरा नाम यशस्वी भूपेन्द्र कुमार जयसवाल है। उनके पिता का नाम भूपेन्द्र जयसवाल और माता का नाम कंचन जयसवाल है। यशस्वी के 2 भाई और 3 बहनें हैं। माता-पिता के बाद यशस्वी अपने घर में चौथे नंबर पर आते हैं। यशस्वी जयसवाल एक साधारण और गरीब परिवार से आते हैं। यशस्वी के पिता की उनके गांव भदोही में ही एक छोटी सी हार्डवेयर की दुकान थी। जिससे वो पूरे घर का खर्चा चलाते थे। यशस्वी की माता एक ग्रहणी हैं।
यशस्वी जयसवाल की पढ़ाई
यशस्वी के घर की आर्थिक स्थिति शुरू से ही ठीक नहीं थी जिसकी वजह से वो ज्यादा पढ़ भी नहीं पाए। इसलिए वो सिर्फ 10वीं तक ही पढ़े लिखे हैं। यशस्वी जयसवाल का शुरू से ही पढ़ाई लिखाई में मन नहीं था। उन्हें शुरू से ही क्रिकेट खेलना पसंद था। उनके लिए क्रिकेट ही सब कुछ था। उन्होंने ठान लिया था कि एक दिन एक बड़ा क्रिकेटर बनना है और भारतीय टीम के लिए खेलना है।
यशस्वी का संघर्ष
मात्र दस साल की उम्र में ही यशस्वी जयसवाल क्रिकेट ट्रेनिंग के लिए भदोही से दादर मुंबई आ गए। लेकिन दादर आजाद मैदान से काफी दूर था तो इसलिए वो आजाद मैदान के पास ही कालबादेवी में ही रहने के लिए जगह ढूंढने लगे। वहाँ उनको एक डेयरी की दुकान में काम मिल गया। काम के बदले यशस्वी को वहाँ रहने के लिए मिल जाता था। लेकिन अपनी क्रिकेट की ट्रेनिंग की वजह से यशस्वी दुकान पर ज्यादा समय नहीं दे पाते थे जिसकी वजह से दुकानदार ने उन्हें वहाँ से निकाल दिया। अब यशस्वी के पास रहने के लिए कोई भी जगह नहीं थी। ऐसी बुरी स्थिति में वो ग्राउंड्समैन के साथ टेंट में रहने लगे और कई बार बिना खाना खाए सोने लगे। उनके माता पिता उनके लिए पैसे भेजते थे लेकिन उनकी क्रिकेट की ट्रेनिंग के लिए वो काफी नहीं होते थे। इसलिए अपने सपनों को पूरा करने के लिए गोलगप्पे बेचना शुरू कर दिया था।
लगतार तीन साल तक ऐसा चलता रहा लेकिन फिर साल 2013 में ज्वाला सिंह ने यशस्वी जयसवाल को नेट में बल्लेबाजी करते हुए देखा। जहाँ सभी बल्लेबाजों को बल्लेबाजी करने में मुश्किल हो रही थी तो वहीं यशस्वी गेंद को बड़ी आसानी के साथ मार रहे थे। ज्वाला सिंह यशस्वी जयसवाल की बल्लेबाजी से बहुत प्रभावित हुए। ज्वाला सिंह ने यशस्वी को रहने के लिए जगह दी और यशस्वी के माता-पिता से आज्ञा लेकर कानून व्यवस्था पर यशस्वी के अभिभावक बन गए। साथ ही ज्वाला सिंह ने यशस्वी को ये आश्वासन भी दिया कि चाहे कुछ भी हो जाए वो यशस्वी का हमेशा साथ देंगे ।
यशस्वी का क्रिकेट कैरियर
सबसे पहले यशस्वी ने साल 2015 में स्कूल क्रिकेट में 319 रन बनाए थे। इसके बाद उन्होंने अंडर 16 टीम में भी खेला। अपने अच्छे प्रदर्शन के चलते यशस्वी साल 2018 में अंडर-19 एशिया कप के लिए भी चुने गए। वहाँ उन्होंने सबसे ज्यादा 318 रन बनाए और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीता। इसके बाद साल 2019 में उन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप खेला और अपने बल्ले से खूब रन बनाए। साल 2019 के रणजी ट्रॉफी के एक मैच में जयसवाल ने झारखंड के खिलाफ 203 रनों की पारी खेली। उम्र के हिसाब से रणजी में दोहरा शतक लगाने वाले जयसवाल (17 साल 292) सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। इसके बाद उन्होंने साल 2019-2020 में विजय हजारे ट्रॉफी के 6 मैचों में 564 रन बनाए।
अब आती है आईपीएल की बारी साल 2020 की नीलमी के दौरान राजस्थान रॉयल्स ने यशस्वी जयसवाल को खरीद लिया था। लेकिन इस साल उन्हें ज्यादा मैच खेलने का मौका नहीं मिल पाया। अब यशस्वी को अगले सीजन का इंतजार था। अगले सीजन में उन्होंने चेन्नई के खिलाफ एक शानदार अर्धशतक जड़कर सबको अपनी प्रतिभा का प्रमाण दे दिया। साल 2023 का आईपीएल सीजन यशस्वी के लिए कभी ना भूलने वाला रहा। उन्हें आईपीएल के इतिहास के सबसे तेज पचास (13 गेंद 50 रन) ठोक डाले। उन्होंने इस साल जामकर रन बनाए और खूब वाह-वही लूटी। अपने इसी प्रदर्शन के दम पर वो भारत के वेस्टइंडीज टूर के लिए चुन लिए गए और अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक जड़ कर उन्होंने एक बार फिर खुद को साबित कर दिया। अब देखना ये है कि यशस्वी किस तरह अपने अंतरराष्ट्रीय मैचों में प्रदर्शन करते हैं और कैसे अपने कैरियर को आगे बढ़ाते हैं।
तो ये था यशस्वी जयसवाल का जीवन परिचय, आशा करता हूँ आपको ये लेख पसंद आया होगा। भारत ने वेस्टइंडीज को पॉंच विकेट से हराया के बारे में जानने के लिए क्लिक करें।
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