कहानी रिंकू सिंह की, अर्श से फर्श तक का सफर || (Biography of Rinku Singh)

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Biography of Rinku Singh

Biography of Rinku Singh

Biography of Rinku Singh – रिंकू सिंह नाम तो सुना ही होगा। दोस्तों आईपीएल यानी इंडियन प्रीमियर लीग एक ऐसी लीग जहाँ न जाने कितने लोगों की किस्मत बदल गई और कितने लोग अर्श से फर्श तक पहुँच गए। उन्हीं में से एक है रिंकू सिंह। जी हाँ दोस्तों कोलकाता नाइट राइडर के धाकड़ बल्लेबाज रिंकू सिंह आईपीएल में 5 छक्के जड़ने के बाद लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं। कोलकाता नाइट राइडर्स को जब आखिरी ओवर में 29 रन चाहिए थे तो तब रिंकू सिंह ने आखिरी 5 गेंदो में 5 छक्के जड़ कर हारी हुई बाजी को पलट दिया और गुजरात टाइटन्स के जबड़े से जीत छीन कर अपनी टीम को जीत दिला दी। यश दयाल के एक ओवर में 5 छक्के लगाने के बाद रिंकू सिंह आईपीएल में एक ओवर में पाँच छक्के लगाने वाले चौथे खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले क्रिस गेल, राहुल तेवतिया और रवीन्द्र जड़ेजा ही ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने एक ओवर में पाँच छक्के मारने का कारनामा किया है। यही वजह है कि रिंकू सिंह का नाम एक उभरते हुए खिलाड़ी के तौर पर देखा जा रहा है।

तो आज इस लेख में हम बात करने वाले हैं रिंकू सिंह और उनके अर्श से फर्श तक के सफर के बारे मे। मेरा नाम है जीतू और बिना किसी देरी के चलिए शुरू करते हैं।

कहानी रिंकू सिंह की (Biography of Rinku Singh)

Biography of Rinku Singh

रिंकू सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1997 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के एक छोटे से गांव में हुआ था। रिंकू सिंह का असली नाम रिंकू खानचंद्र सिंह है। रिंकू के पिता का नाम खानचंद्र सिंह और माता का नाम वीना देवी है। रिंकू सिंह के माता-पिता की 5 संतानें हैं। जिनमें रिंकू सिंह तीसरे नंबर पर आते हैं। रिंकू बहुत ही साधारण और गरीब परिवार से आते हैं।

रिंकू के पिता घर-घर में सिलेंडर डिलीवरी का काम करते थे। बात करें उनकी माता की तो वो एक गृहिणी हैं। रिंकू का बड़ा भाई एक कोचिंग सेंटर में काम करके और छोटा भाई ऑटो चलाकर घर की जिम्मेदारियों में अपने पिताजी का हाँथ बटाते थे। घर की ऐसी हालत देखकर रिंकू के पिता नहीं चाहते थे कि वो क्रिकेट में अपना समय बर्बाद करे। उन्हें लगता था कि क्रिकेट की वजह से रिंकू का भविष्य खराब हो रहा है और इसलिए वो रिंकू को हमेशा क्रिकेट खेलने से रोकते रहते थे।

रिंकू सिंह की पढ़ाई

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रिंकू की प्रारम्भिक शिक्षा अलीगढ के मॉडर्न आइडियल पब्लिक स्कूल से हुई थी। गरीबी और घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते रिंकू अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाये। इसलिए वो सिर्फ 9वीं कक्षा तक ही पढ़े हुए हैं। रिंकू को बचपन से ही सिर्फ क्रिकेट का शौक था। उनके लिए क्रिकेट ही सब कुछ था। उन्हें जहाँ क्रिकेट खेलने का मौका मिलता था वो वहाँ मौका नहीं छोड़ते थे। इसके बाद उन्हें इंटर स्कूल टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला और उनका क्रिकेट कैरियर यहीं से आगे बढ़ा। इस टूर्नामेंट के पहले ही मैच में रिंकू ने 32 गेंदों में 54 रनों की शानदार पारी खेली थी।

क्रिकेट छोड़ कर करना पड़ा झाड़ू पोंछा

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एक वक्त ऐसा भी आया जब रिंकू सिंह को क्रिकेट छोड़कर झाड़ू पोंछे का काम करना पड़ा। उनके घर की आर्थिक स्थिति इतनी ज्यादा खराब हो गई थी कि उन्हें क्रिकेट को छोड़ना पड़ा। उनके बड़े भाई ने उन्हें एक कोचिंग सेंटर में झाड़ू पोंछे का काम दिलवाया। लेकिन रिंकू ने सोचा कि इस काम से वो अपने घर की हालत ठीक नहीं कर सकते तो उन्होंने अपनी माँ से कहा की जब तक उम्मीद है तब तक उन्हें क्रिकेट पर ही ध्यान देने दे। अगर क्रिकेट में कुछ नहीं हुआ तो बाद में कोई न कोई नौकरी कर ही लूँगा। उसके बाद रिंकू ने वापस क्रिकेट की तरफ अपना रुख कर लिया। इसके बाद दिल्ली में खेले गए एक टूर्नामेंट में रिंकू सिंह को “मैन ऑफ द सीरीज” का खिताब मिला और खिताब के साथ रिंकू सिंह को एक मोटरसाइकिल भी मिली थी। इन सब चीजों के देखने के बाद रिंकू के पिता की रिंकू से उम्मीद जगने लगी थी और इसी वजह से उन्होंने रिंकू को क्रिकेट को लेकर टोकना बंद कर दिया था।

रिंकू की क्रिकेट में वापसी

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अपने क्रिकेटर बनने के सपने को जिंदा रखते हुए रिंकू ने क्रिकेट खेलना जारी रखा। अपनी मेहनत के दम पर रिंकू ने 5 मार्च 2014 को उत्तर प्रदेश की घरेलू टीम की तरफ से डेब्यू किया। रिंकू सिंह ने अपने पहले ही मुकाबले में बेहतरीन प्रदर्शन किया और अर्धशतकीय पारी खेली। रिंकू ने इस मैच में 84 रन बनाए थे। घरेलु टीम के लिए खेलते हुए रिंकू ने उत्तर प्रदेश की अंडर-19 और अंडर-23 की टीम में भी खेला। इसके बाद रिंकू का शानदार प्रदर्शन जारी रहा और उन्होंने सैयद मुस्ताक अली ट्रॉफी में भी अच्छा प्रदर्शन किया। अपने इसी प्रदर्शन के चलते जल्द ही रिंकू का प्रथम श्रेड़ी क्रिकेट में चयन भी हो गया। 5 नवंबर 2016 को रिंकू ने अपना पहला रणजी ट्रॉफी मैच खेला। साल 2016-2017 के रणजी ट्रॉफी में रिंकू ने 40 मैचों में शानदार 2875 रन बनाए थे। जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 163 रन था।

रिंकू सिंह का आईपीएल कैरियर

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प्रथम श्रेणी में अपने शानदार प्रदर्शन के चलते रिंकू को साल 2017 में किंग्स इलेवन पंजाब ने अपनी टीम में शामिल कर लिया था। पंजाब ने रिंकू को उनके बेस प्राइस 10 लाख रूपए में ख़रीदा था। लेकिन इस सीजन में रिंकू को एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला। लेकिन अगले ही साल रिंकू सिंह को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 80 लाख रूपए में खरीद लिया और तब से अब तक रिंकू सिंह कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ जुड़े हुए हैं। रिंकू सिंह को आईपीएल में एक विस्फोटक खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है। लेकिन उन्हें साल 2017 से 2020 तक उनकी प्रतिभा के अनुरूप मौके नहीं मिले। लेकिन फिर उन्हें मौके दिए जाने लगे और उन्होंने अपने आप को साबित भी करके दिखाया। इसके बाद साल 2023 में रिंकू ने कई मौकों पर खुद को साबित किया और एक मैच विनर के तौर पर अपनी छाप छोड़ी। आईपीएल में गुजरात टाइटन्स के खिलाफ आखिरी ओवर में 5 गेंदो में 5 छक्के जड़ने के बाद उनका नाम चारों तरफ गूंजने लगा और एक ओवर में पाँच छक्के जड़ने वाले रिंकू सिंह चौथे खिलाड़ी बन गए।

आशा करता हूँ आपको ये लेख पसंद आया होगा। टेस्ट मैच में हैट्रिक लेने वाले भारतीय गेंदबाज के बारे में जानने के लिए क्लिक करें।

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